मेरा तो बाबा श्याम एक तू ही सहारा

मेरा तो बाबा श्याम एक तू ही सहारा

मेरा तो बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा,
जब भी मैं हारा हूं,
मुझे दिया सहारा।

बचपन से तूने ही तो,
चलना सिखाया है,
हर एक कदम पे मेरा,
साथ निभाया है,
जीवन भर रखना श्याम,
मेरे सिर पर साया,
मेरा तो बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा।

मेरी तो औकात ना थी,
तुमने बनाई है,
जीवन में जो भी सोची,
वो ही चीज पाई है,
मेरी किस्मत को तो श्याम,
है तूने संवारा,
मेरा तो बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा।

मात पिता तुम मेरे,
भाई बंधु तुम ही हो,
मेरी धड़कनों में और,
सांसों में तुम ही हो,
चंद्र बाला बोले श्याम,
मैं हूं तेरा प्यारा,
मेरा तो बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा।

मेरा तो बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा,
जब भी मैं हारा हूं,
मुझे दिया सहारा।

बाबा श्याम ही हमारे जीवन का एकमात्र सहारा हैं। बचपन से लेकर अब तक उन्होंने हर कदम पर हमारा साथ निभाया है। हमारी कोई औकात नहीं थी लेकिन उन्होंने ही हमें संवारा है। हमारे लिए वही माता पिता, भाई बंधु और हर रिश्ते जैसे हैं। बाबा श्याम ही हमारे सच्चे और प्यारे स्वामी हैं। जय श्री श्याम।



Mera To Baba Shyam Ak Tu Hi Sahara-श्याम बाबा का बहुत ही प्यारा भजन # मेरा तो बाबा श्याम एक तू ही सहारा # प्रदीप पुष्प जी #shyambaba

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सुंदर भजन में खाटूश्यामजी के प्रति भक्त का गहरा विश्वास और उनके साथ एक आत्मीय रिश्ता झलकता है। यह भाव ऐसा है, जैसे कोई अपने सबसे करीबी को अपना सब कुछ मान ले। बाबा श्याम भक्त के लिए एकमात्र सहारा हैं, जो हर मुश्किल में साथ देते हैं। जब भी जीवन में ठोकर लगी, बाबा ने हाथ थामकर उसे उठाया, जैसे कोई सच्चा साथी कभी अपने प्रिय को अकेला न छोड़े।

बचपन से लेकर हर कदम पर बाबा ने भक्त को चलना सिखाया। उनका साया ऐसा है, जो हर पल साथ रहता है, जैसे कोई माँ अपने बच्चे को हर कदम पर संभालती है। भक्त का मन यह प्रार्थना करता है कि यह साया हमेशा बना रहे, क्योंकि बाबा ही उसका असली बल हैं।

भजन में यह भी खूबसूरती से आता है कि बाबा ने भक्त की किस्मत को संवारा। जो कुछ भी मन में सोचा, वह बाबा की कृपा से मिला। यह विश्वास है कि बाबा के बिना भक्त कुछ भी नहीं, और उनकी दया ने ही उसे ऊँचा उठाया। जैसे कोई अपने गुरु के आशीर्वाद से जीवन में सब कुछ पा ले, वैसे ही बाबा ने भक्त को हर मनोकामना दी।
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