क्यों तूं मीठी मीठी बांसुरी बजाए बार बार
क्यों तूं मीठी मीठी बांसुरी बजाए बार बार
क्यों तूं मीठी मीठी बांसुरी,
बजाए बार बार,
कहां छुपे हो कन्हैया,
आजा ओ सामने इक वार।
सांसो के तार पर मन की वीणा बोले,
लगी है लगन बस तेरी काहे तूं न बोले,
तुझे ढूंढूं हर गली और ढूंढूं द्वार द्वार,
कहां छुपे हो कन्हैया,
आ जाओ सामने इक वार।
जाने कैसा जादू तेरी मुरली में मोहन,
सुध विसरा दी श्याम भूल गई तन मन,
मेरा करता है मन बस तेरी पुकार,
बजाए बार बार,
कहां छुपे हो कन्हैया,
आजा ओ सामने इक वार।
सांसो के तार पर मन की वीणा बोले,
लगी है लगन बस तेरी काहे तूं न बोले,
तुझे ढूंढूं हर गली और ढूंढूं द्वार द्वार,
कहां छुपे हो कन्हैया,
आ जाओ सामने इक वार।
जाने कैसा जादू तेरी मुरली में मोहन,
सुध विसरा दी श्याम भूल गई तन मन,
मेरा करता है मन बस तेरी पुकार,
कन्हैया बार-बार मीठी बांसुरी बजाते हैं और सामने नहीं आते हैं। हमारे मन की वीणा सांसों के तार पर कन्हैया की लगन में झूम रही है फिर भी वो सामने नहीं आता। हम आपको हर गली हर द्वार पर ढूंढ रहे हैं पर आप कहीं छुपे बैठै है। आपकी मुरली के जादू ने हमारे तन मन की सुध भुला दी है। अब हमारा मन बस आपको ही पुकारता रहता है कन्हैया। जय श्री कृष्ण।
मीठी आवाज़, मीठा भजन, मीठी मीठी बांसुरी - The RRR Band ft. Sangeet Verma-Kyon Tu Mithi Mithi Bansuri
ऐसे ही मधुर भजनों के लिए आप Lyricspandits होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
ऐसे ही मधुर भजनों के लिए आप Lyricspandits होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
अपने पसंद के गायक कलाकार के अनुसार भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
सुंदर भजन में राधारानी के प्रेम और श्रीकृष्णजी की बांसुरी के जादू का गहरा भाव उभरता है। यह पुकार ऐसी है, जैसे कोई अपने सबसे प्रिय को दिल से बुला रहा हो, जो पास होकर भी नजर नहीं आता। बांसुरी की मीठी तान मन को बेकरार करती है, जैसे कोई मधुर स्वर सुनकर अपने प्रिय की याद में खो जाता हो। भक्त का मन श्रीकृष्णजी को सामने देखने को तरसता है, जैसे कोई प्यासा पानी की एक बूंद के लिए तड़पता है।
सांसों और मन की वीणा का बोलना उस गहरी लगन को दर्शाता है, जो श्रीकृष्णजी के प्रेम में डूबा है। यह भाव है कि भक्त हर गली, हर द्वार पर उन्हें ढूंढता है, जैसे कोई अपने खोए हुए प्रिय की तलाश में भटकता हो। बांसुरी की आवाज में ऐसा जादू है कि भक्त का तन-मन सब कुछ भूल जाता है, जैसे कोई संगीत में डूबकर दुनिया को भुला देता हो।
Song - Meethi Meethi Bansuri by The RRR Band
Lyrics - Ajay Tiwari
Singers - Sugopi Malati Devi Dasi (Sheetal Gujral) featuring Sangeet Verma
Music Composer - Nirdosh Sobti (Nav Kishore Nimai Das)
Bass - Nama Bhakti Devi Dasi
Guitar - Nilesh Narsayya Deshwani
Lyrics - Ajay Tiwari
Singers - Sugopi Malati Devi Dasi (Sheetal Gujral) featuring Sangeet Verma
Music Composer - Nirdosh Sobti (Nav Kishore Nimai Das)
Bass - Nama Bhakti Devi Dasi
Guitar - Nilesh Narsayya Deshwani
यह भी देखिए