मंदरां दे अंदर माता गिट्टियां जे खेलदी भजन

मंदरां दे अंदर माता गिट्टियां जे खेलदी भजन

मंदरां दे अंदर माता गिट्टियां,
जे खेलदी ओ माता मेरिए,
मैं भी खेलां दोनों हथां जोड़ जोड़ के।

हाथ में गढ़वा गंगाजल पानी,
ओ चरण दूलवां,
ओ माता मेरिए,
ओ दोनों हथां जोड़ जोड़ के।

हाथ में करनी फुलां नाल,
भरनी ओ हार पहनावा,
ओ माता मेरिए,
ओ दोनों हथां जोड़ जोड़ के।

हाथ में थाली भोजन वाली,
ओ भोग लगावांं,
ओ माता मेरिए,
ओ दोनों हथां जोड़ जोड़ के।

हाथ में जोती जगमग होती,
ओ जोत जगावां,
ओ माता मेरिए,
ओ दोनों हथां जोड़ जोड़ के।

मां के मंदिर में हम अपने दोनों हाथ जोड़कर मां की चरणधूलि से गंगाजल लेकर उन्हें धोना चाहते हैं। फूलों से भरी करणी से मां को हार पहनाकर अपने प्रेम का अर्पण करते हैं। भोजन की थाली से मां को भोग लगाकर अपनी श्रद्धा दिखाना चाहते हैं। जगमग ज्योति के साथ मां की आरती कर उनके चरणों में समर्पित होना चाहते हैं। जय माता रानी।


Mandaran De Andar Mata Gittiyan Je Kheldi Bhajan-माता भजन लिरिक्स मातारानी का रौनक वाला भजन जोत जगावां हथ जोड़ जोड़ के जरूर सुनें

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