इतना दिया है तुमने मां भजन

इतना दिया है तुमने मां भजन

इतना दिया है तुमने मां
अब एक और उपकार करो,
मैं शरण तुम्हारी आया हूं,
मुझे दास अपना स्वीकार करो,
इतना दिया है तुमने मां,
अब एक और उपकार करो।

तुमने सदा ही रखा है मुझे,
अपने आंचल की छाया में,
हर पग ही संभाला है मुझको,
जीवन में जब घबराया मैं,
हर सांस तुम्हारी ऋणी है मां,
अब ये जीवन उद्धार करो,
इतना दिया है तुमने मां,
अब एक और उपकार करो।

मुझको जो तुम्हारे चरणों में,
बस थोड़ी सी जगह मिल जाये,
पुत्र तुम्हारा इसके सिवा,
वरदान कोई भी ना चाहे,
इस दुनिया में सबकुछ मिला मुझे,
अब भवसागर से पार करो,
इतना दिया है तुमने मां,
अब एक और उपकार करो।

पूरी मेरी हर आस हुई,
जब मैंने तुम्हारा नाम लिया,
कुछ ना मांगा तुमसे,
पर अम्बे मां तुमने जान लिया,
बिन मांगे झोली भरी मेरी,
अब स्वप्न मेरा साकार करो,
इतना दिया है तुमने मां,
अब एक और उपकार करो।

मैं शरण तुम्हारी आया हूं,
मुझे दास अपना स्वीकार करो,
इतना दिया है तुमने मां,
अब एक और उपकार करो।

मां, आपने हमें जीवन भर स्नेह सुरक्षा और सहारा दिया है। हर कठिन समय में हमारा साथ निभाया है। अब हम आपकी शरण में आए हैं कृपा करके हमें अपना दास स्वीकार कर लीजिए। आपके चरणों में थोड़ी सी जगह मिल जाए यही हमारा सबसे बड़ा वरदान होगा। आपने बिना मांगे हमारी झोली खुशियों से भर दी। अब हमारे जीवन को मोक्ष की राह दिखा दीजिए। मां आपने सब कुछ दिया है अब कृपा करके यह एक अंतिम उपकार और कर दीजिए। जय माता रानी।


Itna Diya Hai Tumne Maan Bhajan-इतना दिया है तुमने माँ | Manoj Mishra | Mata Rani Ke Bhajan | Bhakti Song | Devi Bhajan 2025

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Title : Itna Diya Hai Tumne Maa
Singer : Manoj Mishra
Music Director : Manojj Negi
Lyrics - Alok Ranjan Jha
 
मां ने जीवन में इतना कुछ दिया कि हर सांस उनकी ऋणी है, और अब बस एक अंतिम उपकार की पुकार है—उनके चरणों में दास के रूप में स्वीकार कर लिया जाए।  मां ने हमेशा अपने आंचल की छाया में रखा, हर कदम पर संभाला, और जब जीवन में घबराहट हुई, तब उनका सहारा ही रास्ता दिखाता रहा। यह विश्वास है कि उनके चरणों में थोड़ी-सी जगह मिल जाए, तो और किसी वरदान की जरूरत नहीं। जैसे कोई बच्चा अपनी मां की गोद में सारा सुकून पा लेता है, वैसे ही यह मन भी मां के चरणों में विश्राम चाहता है।

बिना मांगे मां ने झोली भर दी, हर आस पूरी की, और स्वप्नों को साकार किया। यह पुकार है कि अब वह भवसागर से पार करने का उपकार करें, ताकि जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष मिल जाए। जैसे मीराबाई ने अपने प्रभु के प्रेम में सब कुछ समर्पित किया, वैसे ही यह भक्त मां दुर्गा से बस यही मांगता है कि उसे अपना दास बनाकर मोक्ष की राह दिखाएं। 

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