सिंदूर नहीं मिटने देंगे तिरंगा नहीं झुकने देंगे
सिंदूर नहीं मिटने देंगे तिरंगा नहीं झुकने देंगे
सिंदूर नहीं मिटने देंगे,
तिरंगा नहीं झुकने देंगे,
अब जुल्म नहीं हमको सहना,
मेरे देश का यारों क्या कहना।
रग रग बोले जय हिंद,
हर नग बोले जय हिंद,
ना गम से झुके
ना डर से डरे जय हिंद।
पहलगाम की राख में,
हमने देखी थी वो आग,
हर आंसू ने संकल्प लिया,
हर दिल में गूंजी पुकार।
सिंदूर नहीं मिटने देंगे,
सिंदूर नहीं मिटने देंगे,
तिरंगा नहीं झुकने देंगे,
तिरंगा नहीं झुकने देंगें,
अब जुल्म नहीं हमको सहना,
मेरे देश का यारों,
मेरे देश का यारों क्या कहना,
बहनों ने फिर पहना गहना,
मेरे देश का यारों क्या कहना।
जो मासूम लहू से खेल गये,
खंडहर बन गए उनके किले,
हर गोली में जो जख्म दिए,
चुन चुन के सारे बदले लिए,
सिंदूर नहीं मिटने देंगे,
तिरंगा नहीं झुकने देंगे,
अब ज़ुल्म नहीं हमको सहना,
मेरे देश का यारों,
मेरे देश का यारों क्या कहना,
मेरे देश का यारों क्या कहना,
बहनों ने फिर पहना गहना,
जय हिंद,
मेरे देश का यारों क्या कहना।
जय हिंद जय हिंद,
जय हिंद जय हिंद।
तिरंगा नहीं झुकने देंगे,
अब जुल्म नहीं हमको सहना,
मेरे देश का यारों क्या कहना।
रग रग बोले जय हिंद,
हर नग बोले जय हिंद,
ना गम से झुके
ना डर से डरे जय हिंद।
पहलगाम की राख में,
हमने देखी थी वो आग,
हर आंसू ने संकल्प लिया,
हर दिल में गूंजी पुकार।
सिंदूर नहीं मिटने देंगे,
सिंदूर नहीं मिटने देंगे,
तिरंगा नहीं झुकने देंगे,
तिरंगा नहीं झुकने देंगें,
अब जुल्म नहीं हमको सहना,
मेरे देश का यारों,
मेरे देश का यारों क्या कहना,
बहनों ने फिर पहना गहना,
मेरे देश का यारों क्या कहना।
जो मासूम लहू से खेल गये,
खंडहर बन गए उनके किले,
हर गोली में जो जख्म दिए,
चुन चुन के सारे बदले लिए,
सिंदूर नहीं मिटने देंगे,
तिरंगा नहीं झुकने देंगे,
अब ज़ुल्म नहीं हमको सहना,
मेरे देश का यारों,
मेरे देश का यारों क्या कहना,
मेरे देश का यारों क्या कहना,
बहनों ने फिर पहना गहना,
जय हिंद,
मेरे देश का यारों क्या कहना।
जय हिंद जय हिंद,
जय हिंद जय हिंद।
Sukhwinder Singh | Aakanksha Sharma | MeetBros | T-Series- Sindoor Nhin Mitne Denge Tiranga Nahi Jhukne Denge
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पहलगाम की राख से एक नई चिंगारी उठी थी देशभक्ति की, एकता की, और न्याय की। यही वो लम्हा था जब देश ने ठान लिया कि अब और नहीं। उसी दिन जन्म हुआ ऑपरेशन सिंदूर का। यह सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था बल्कि उन माताओं के सिंदूर की रक्षा का संकल्प था जिनके बेटे और पतियों को निर्दयता से आंतकवादियों ने छीन लिया गया था। यह उन बहनों की पुकार का उत्तर था जिन्होंने राखी बांधी थी एक सैनिक के विश्वास पर। ऑपरेशन सिंदूर में न सिर्फ आतंक के अड्डों को मिटाया गया बल्कि दुनिया को यह दिखा दिया गया कि भारत सहन नहीं करेगा। अब भारत केवल उत्तर देगा पूरी ताकत और सम्मान के साथ। जय हिन्द जय हिन्द की सेना। हम अपने देश की आन-बान-शान के प्रतीक—बहनों के सिंदूर और तिरंगे की शान—को कभी मिटने या झुकने नहीं देंगे। अब हम किसी भी अन्याय या अत्याचार को सहन नहीं करेंगे। हर भारतीय की रग-रग में 'जय हिंद' की गूंज है, हर शहर और गाँव 'जय हिंद' बोलता है। हम न तो ग़म से झुकेंगे, न डर से डरेंगे।
गीत में पहलगाम की राख, मासूमों का लहू, और वीरों के बलिदान का उल्लेख है, जो हमें यह याद दिलाता है कि देश की रक्षा के लिए कितने लोगों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। हर आँसू ने संकल्प लिया है कि अब कोई अत्याचार नहीं सहेंगे। बहनों ने फिर से गहना पहना है, यानी देश में फिर से खुशहाली और सम्मान लौट आया है।
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पहलगाम
वो धरती जहां कभी शांति थी एक दिन आतंक के साए में कांप उठी। मासूम चेहरों
पर हंसी की जगह डर ने ले ली। निहत्थे लोग, महिलाएं, और बच्चे जब गोलियों
की आवाज़ में अपने सपनों को टूटता देख रहे थे तब इंसानियत शर्मसार हो रही
थी।
पहलगाम की राख से एक नई चिंगारी उठी थी देशभक्ति की, एकता की, और न्याय की। यही वो लम्हा था जब देश ने ठान लिया कि अब और नहीं। उसी दिन जन्म हुआ ऑपरेशन सिंदूर का। यह सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था बल्कि उन माताओं के सिंदूर की रक्षा का संकल्प था जिनके बेटे और पतियों को निर्दयता से आंतकवादियों ने छीन लिया गया था। यह उन बहनों की पुकार का उत्तर था जिन्होंने राखी बांधी थी एक सैनिक के विश्वास पर। ऑपरेशन सिंदूर में न सिर्फ आतंक के अड्डों को मिटाया गया बल्कि दुनिया को यह दिखा दिया गया कि भारत सहन नहीं करेगा। अब भारत केवल उत्तर देगा पूरी ताकत और सम्मान के साथ। जय हिन्द जय हिन्द की सेना। हम अपने देश की आन-बान-शान के प्रतीक—बहनों के सिंदूर और तिरंगे की शान—को कभी मिटने या झुकने नहीं देंगे। अब हम किसी भी अन्याय या अत्याचार को सहन नहीं करेंगे। हर भारतीय की रग-रग में 'जय हिंद' की गूंज है, हर शहर और गाँव 'जय हिंद' बोलता है। हम न तो ग़म से झुकेंगे, न डर से डरेंगे।
गीत में पहलगाम की राख, मासूमों का लहू, और वीरों के बलिदान का उल्लेख है, जो हमें यह याद दिलाता है कि देश की रक्षा के लिए कितने लोगों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। हर आँसू ने संकल्प लिया है कि अब कोई अत्याचार नहीं सहेंगे। बहनों ने फिर से गहना पहना है, यानी देश में फिर से खुशहाली और सम्मान लौट आया है।
Track Name: Song Sindoor
Music - MeetBros
Singer - Sukhwinder Singh, MeetBros, Aakanksha Sharma
Music - MeetBros
Singer - Sukhwinder Singh, MeetBros, Aakanksha Sharma