दीन दुखी और हारे का मेरा बाबा श्याम सहारा

दीन दुखी और हारे का मेरा बाबा श्याम सहारा भजन

खुली हो चाहे बंद आंख,
मने दिखे तेरा द्वारा,
दीन दुखी और हारे का,
मेरा बाबा श्याम सहारा।

लगी लगन तो हुआ मगन,
मैं श्याम की मस्ती में,
एक सूरत मोहनी मूरत,
मेरे दिल की बस्ती में,
दीपक लौ लागी कश्ती में,
चारों और उजियारा,
दीन दुखी और हारे का,
मेरा बाबा श्याम सहारा।

और ना चाहूं शुक्र मनाऊं,
सिर पर हाथ रहे जा,
जीवन नैया श्याम खिवैया,
धारा बीच बहे जा,
दुनिया कुछ भी कहे जा,
फिर भी श्याम धणी मनै प्यारा,
दीन दुखी और हारे का,
मेरा बाबा श्याम सहारा।

दर्श प्यास मने एक आस,
बस श्याम सांवरे तेरी,
नाम हो तेरा काम हो मेरा,
इतनी दया हो तेरी,
ना आवे है राह तेरी,
बस हो जा ठिक गुजारा,
दीन दुखी और हारे का,
मेरा बाबा श्याम सहारा।


Deen Dukhi Aur Haare Ka Mera Baba Shyam Sahara Bhajan Khatushyam Bhajan | हारे का मेरा बाबा श्याम सहारा | अरदास स्पेशल - वक्त खराब है तो अवश्य सुनें|Shyam

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हमें बंद या खुली आंखों में केवल श्याम के दरबार का ही दर्शन होता है जो हर दुखी का सहारा है। श्याम की भक्ति में मन मगन हो जाता है और उनका रूप हृदय में बस जाता है। उनकी कृपा से जीवन की नैया संकटों से पार होती है चाहे दुनिया कुछ भी कहे हमारे मन में बस एक ही आस है श्याम का दर्शन और उनका नाम ही जीवन का काम बन जाए। श्याम ही दुखियों के आश्रय हैं, उन्हीं पर पूर्ण विश्वास और समर्पण ही जीवन का आधार है। जय श्री श्याम।
 
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