करूं नमन मैं विनायक को जो संकट भजन

करूं नमन मैं विनायक को जो संकट हरने वाला है भजन

करूं नमन मैं विनायक को,
जो संकट हरने वाला है,
शिव सुता का रूप विशालकाय,
हर मन को जो भाया है,
तेरी जय हो जय गजानन जी,
तेरी जय हो गजानन जी।

विघ्न विनाशक मंगल मूर्ति,
तू बुद्धि का दाता है,
गजमुख धारी, मोदक प्रिय,
तू भव सागर का त्राता है,
मन से जो तेरा ध्यान लगाये,
भव बंधन से छूटे वह प्राणी,
तेरी जय हो जय गजानन जी,
तेरी जय हो गजानन जी।

लाल सिंदूरी तन पर शोभे,
मस्तक पर चंद्रा प्यारा,
रिद्धि-सिद्धि की साथ सवारी,
सुखदा वरदायिनी कारा,
हे लंबोदर करुणा सागर,
कर दे जीवन उजियारा,
तेरी जय हो जय गजानन जी,
तेरी जय हो गजानन जी।

प्रथम पूज्य तू देवों में,
मंत्रों का तू आधार,
तेरा स्मरण करे जब कोई,
मिटे विपत्ति अपार,
भक्तों के तू साथ निरंतर,
करुणा बरसे बारंबार,
तेरी जय हो जय गजानन जी,
तेरी जय हो गजानन जी।


Karun Naman Main Vinayak Ko Jo Sankat Harne Wala Hai Bhajan 

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हम श्री गणेशजी को नमन करते हैं। गणेश जी सभी संकटों को हरने वाले और कल्याणकारी हैं। उनका विशाल रूप हर मन को भाता है। वे बुद्धि के दाता और भवसागर से तारने वाले हैं। उनका ध्यान करने से सभी बंधनों से मुक्ति मिलती है। उनके मस्तक पर चंद्र का अलंकरण है और वे रिद्धि-सिद्धि संग जीवन में सुख भरते हैं। वे देवताओं में प्रथम पूज्य हैं और उनके स्मरण से हर विपत्ति मिट जाती है। हम उनकी बारंबार वंदना करते हैं जय हो गजानन जी, बारंबार जय हो। जय श्री गणेश।
 
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