मोहन घर आओ ना श्याम घर आओ भजन

मोहन घर आओ ना श्याम घर आओ भजन

 
मोहन घर आओ ना श्याम घर आओ भजन

मोहन घर आओ ना श्याम घर आओ ना भजन
मोहन घर आओ ना,
श्याम घर आओ ना,
कब से बाट उड़िकां थारी,
कब से बाट उड़िकां थारी,
आकर दर्श दिखाओ ना,
मोहन घर आओ ना,
मोहन घर आओ ना,
श्याम घर आओ ना।

मैं चांदी की चौकी मंगवाया,
गंगा जल की झारी लाया,
आओ थारा चरण पखारां,
म्हारी प्यास बुझाओ ना,
मोहन घर आओ ना,
श्याम घर आओ ना।

छप्पन भोग छतीसो मेवा,
रकम रकम का करो कलेवा,
थांने प्रेम से खूब जीमांवा,
आओ देर लगाओ ना,
मोहन घर आओ ना,
श्याम घर आओ ना।

सावरों लीले चढ़के आयो,
श्याम कहे भक्तां को मान बढ़ायो,
म्हाने भी एक बार सांवरिया,
खाटू नगरी बुलाओ ना,
मोहन घर आओ ना,
श्याम घर आओ ना।

मोहन घर आओ ना,
श्याम घर आओ ना,
कब से बाट उड़िकां थारी,
कब से बाट उड़िकां थारी,
आकर दर्श दिखाओ ना,
मोहन घर आओ ना,
मोहन घर आओ ना,
श्याम घर आओ ना।


MOHAN GHAR AAO NA || SHIWANI RITESH KHANDELWAL || मोहन घर आओ ना || BHAJAN || SCI BHAJAN OFFICIAL

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Title :- MOHAN GHAR AAO NA 
Singer :- SHIWANI RITESH KHANDELWAL
Lyrics :- SHYAM AGARWAL
Music :- SHREE STUDIO 
Copyright :- SCI
 
जब मन बेचैन हो जाता है और घर सूना लगने लगता है, तो वो पुकार उठती है—आओ ना, दर्शन दे दो। कब से इंतजार है, आँखें थक गईं राह निहारते-निहारते। चाँदी की चौकी सजाई, गंगा जल से भरी झारी रखी, बस चरण धोने का सौभाग्य मिले तो प्यास बुझे। प्रेम से भोग लगाएँ, मेवे सजाएँ, रकम-रकम से कलेवा कराओ—बस देर ना करना, आ जाओ।

लीलाओं की सवारी होकर आओ, भक्तों का मान बढ़ाओ, जैसे खाटू नगरी में सबको बुलाते हो। घर की दहलीज पर कदम रख दो, तो सारी थकान मिट जाए। हम सिखाते हैं कि ये बुलावा दिल से निकले तो वो जरूर सुन लेते हैं। 


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