दुख ही दुख बस लिख दिए बाबा भजन

दुख ही दुख बस लिख दिए बाबा भजन

संघर्ष कितने लिख दिए बाबा,
दुख ही दुख बस लिख दिए बाबा,
संघर्ष कितने लिख दिए बाबा,
दुख ही दुख बस लिख दिए बाबा।

हुई सच की पराजय,
दुनिया जीती ये छल से,
नहीं हिम्मत बची अब,
आया घुटनों के बल पे,
कितना और सहूंगा,
आखिर मैं भी तो इंसान,
इतनी परीक्षा किस लिए बाबा, 
दुख ही दुख बस लिख दिए बाबा।

वक्त आखिर ये शायद,
कब मेरी सांस छूटे, 
जमाना भी चाहता है,
मेरा विश्वास टूटे,
प्राण निकलने बाद,
शरीर पे लिपटे तेरा निशान,
इतने दुख तो सह लिये बाबा,
दुख ही दुख बस लिख दिए बाबा।

परीक्षा प्राण की लो,
अगर तुम ले सको तो,
सह लूंगा और भी गम,
अगर तुम दे सको तो,
मेरे दुख में तुम खुश हो तो,
मैं भी खुश हूं श्याम,
तुमको नहीं पर भूलेंगे बाबा,
दुख ही दुख बस लिख दिए बाबा।

परखने की ये आदत,
कन्हैया छोड़ दो अब,
लिखी कौशिक की किस्मत,
कलम को तोड़ दो अब,
जितने दुख देते उतने,
आंसू भी दो सरकार,
सारे दुख तो कह दिए बाबा,
दुख ही दुख बस लिख दिए बाबा।


Dukh Hi Dukh Bas Likh Diye Baba Bhajan Kismat | किस्मत | Khatu Shyam Bhajan | Rahul Sanwara

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 
Singer & Music: Rahul Sanwara 
Lyrics: Divakar Kaushik
Video: K2S Films 
Editing: Ankit Chaurasia
Produced By: Shyam Baba & Morvi Studio
 
हमारे जीवन में बाबा श्याम ने बस दुखों की कहानी लिख दी है। मानो मुस्कान तो कभी हमारे नसीब में थी ही नहीं। हर बार जब सच्चाई के साथ खड़े हुए तो छल ने हमें तोड़ दिया। अब तो हमारी हिम्मत भी हार गई है। हम थक चुके हैं बाबा ये कैसी परीक्षा है जो रूह तक को चीर रही है। आखिर हम भी तो इंसान हैं। अगर हमारे आंसू देखकर आपको सुकून मिलता है तो हम वह भी स्वीकार हैं पर आपको भूलना हमारे बस में नहीं। अब तो यही विनती है परखना छोड़ दीजिए क्योंकि अब दिल की दीवारें भी भरभराकर गिरने लगी हैं। हे बाबा श्याम अब हमारी परीक्षा लेना बंद करें और हमें सुखी जीवन का वरदान दें। जय श्री श्याम। 
 
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url