खा लो भण्डारे की पूड़ी सब्जी भजन

खा लो भण्डारे की पूड़ी सब्जी भजन

जय श्री राम का बोल के नारा,
खा लीजिये बाबा का भण्डारा,
जाने मौक़ा मिलेगा ये कब जी
छूट जायेगा फ्री फायर पबजी,
खा लो भण्डारे की पूड़ी सब्जी।

छोला चावल खाइये या पूड़ी सब्ज़ी खाइये,
आइये जी आइये जी शरबत पीते जाइये,
बड़े मंगल का है शुभ दिन ये प्यारा,
खा लीजिये बाबा का भण्डारा,
जानें मौका मिलेगा ये कब जी।

भण्डारा करवाया भक्तों ने वड़े चाव से,
बांट रहे प्रेम से श्रद्धा से और भाव से,
भर पेट खाओ मिलेगा दोबारा,
दोबारा ही क्या तिबारा चौबारा,
जानें मौका मिलेगा ये कब जी,
छूट जायेगा फ्री फायर पबजी,
खा लो भण्डारे की पूड़ी सब्जी।

भण्डारा बालाजी का स्पेशल है खास है,
खाते ही भर जाता,
तन मन में आत्मविश्वास है,
बालाजी कर देंगे बस इक इशारा,
जीवन बदल जायेगा फिर तुम्हारा,
जानें मौका मिलेगा ये कब जी।

प्रसाद में बजरंगबाला की कृपा व्याप्त है,
मोहित हैं बाबा जिसपे उसको ही ये प्राप्त है,
मन भा रहा है ये सुन्दर नजारा,
सौभाग्य है ये हमारा तुम्हारा,
जानें मौका मिलेगा ये कब जी,
छूट जायेगा फ्री फायर पबजी,
खा लो भण्डारे की पूड़ी सब्जी।

मंगल के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने प्रेम, भक्ति और सेवा भाव से भण्डारे का भव्य आयोजन किया है। यह केवल भोजन नहीं, बल्कि स्वयं हनुमानजी की कृपा, आशीर्वाद और साक्षात प्रसाद है जो आत्मा को भी तृप्त कर देता है। हर पूड़ी में श्रद्धा की सुगंध है। हर सब्जी में सेवा की मिठास है, छोले-चावल में समर्पण का स्वाद है, और शरबत की हर बूंद में प्रेम की ठंडक है। 
 
यह प्रसाद तन को ऊर्जा ही नहीं देता बल्कि मन को शांति और आत्मा को विश्वास से भर देता है। मंगल का यह अनुपम अवसर बाबा की असीम कृपा का प्रतीक है। ऐसा सौभाग्य बार-बार नहीं मिलता है। आइए इस दिव्यता को अपने हृदय में समेटिए और प्रभु की कृपा का रसपान कीजिए। जय बजरंगबली श्री हनुमान जी की कृपा आप सब पर सदैव बनी रहे।


Kha Lo Bhandare Ki Pudi Sabji Bhajan -Trending Bhandara Song । खा लो भण्डारे की पूड़ी सब्ज़ी । Mohit Sai Ji #bhandara #badamangal #viral

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 
Album :- Kha Lo Bhandare Ki Poodi Sabzi
Singer :- Mohit Sai Ji (Ayodhya)
Lyricist :- Mohit Sai Ji (Ayodhya)
 
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भंडारे की परंपरा राजा स्वेत की कथा से जुड़ी है, जिसमें बताया गया है कि मृत्यु के बाद राजा को परलोक में भोजन नहीं मिला क्योंकि उन्होंने जीवन में कभी अन्नदान नहीं किया था। तब से यह मान्यता बनी कि अन्नदान से पितृ प्रसन्न होते हैं और आत्मा को संतुष्टि मिलती है। भंडारे का आयोजन धार्मिक अनुष्ठानों, मांगलिक कार्यों या किसी विशेष अवसर के बाद किया जाता है, ताकि किए गए कार्य का पूर्ण फल प्राप्त हो और ईश्वर का आशीर्वाद मिले।
 
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url