ओ सांवरे तेरे बिना मैं कुछ नहीं प्यारे भजन
ओ सांवरे तेरे बिना मैं कुछ नहीं प्यारे भजन
ओ सांवरे ओ सांवरे,
ओ सांवरे ओ सांवरे,
तेरे बिना मैं कुछ नहीं प्यारे,
तेरे बिना मैं कुछ नहीं प्यारे,
ओ दिलदार सांवरे,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
कैसे कहूं मैं तुमसे,
कुछ कह नहीं पाऊंगा,
एक पल भी तुम बिन,
अब रह नहीं पाऊंगा,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
तेरी कृपा का ही,
बस मुझे सहारा है,
हर सुख दुख में मैंने,
तेरा नाम पुकारा है,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
भटक रहा था मैं,
इस दुनियादारी में,
तड़प रहा था मैं,
प्रभु संकट भारी थे,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
श्री वृंदावन में,
एक बार बुला लेना,
दास को चरणों का,
चाकर ही बना लेना,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
ओ सांवरे ओ सांवरे,
तेरे बिना मैं कुछ नहीं प्यारे,
तेरे बिना मैं कुछ नहीं प्यारे,
ओ दिलदार सांवरे,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
कैसे कहूं मैं तुमसे,
कुछ कह नहीं पाऊंगा,
एक पल भी तुम बिन,
अब रह नहीं पाऊंगा,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
तेरी कृपा का ही,
बस मुझे सहारा है,
हर सुख दुख में मैंने,
तेरा नाम पुकारा है,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
भटक रहा था मैं,
इस दुनियादारी में,
तड़प रहा था मैं,
प्रभु संकट भारी थे,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
श्री वृंदावन में,
एक बार बुला लेना,
दास को चरणों का,
चाकर ही बना लेना,
ओ सांवरे ओ सांवरे।
O sanware - ओ सांवरे ~ वृन्दावन का सबसे मधुर भजन ~ दिलदार सांवरे ~ Full Bhajan ~ श्री वृन्दावन धाम
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हमारे लिए सांवरे ही सब कुछ हैं। उनके बिना जीवन अधूरा लगता है। जब भी कोई दुख आया जब भी कोई रास्ता नहीं सूझा हमने बस उनका नाम लिया और राह पाई। यह दुनिया हमें बार बार भटकाती रही लेकिन अंत में हमें ठहराव केवल सांवरे की शरण में ही मिला। हर सुख दुख में हमने उनका ही आसरा लिया है और उन्होंने भी कभी हमें अकेला नहीं छोड़ा। आज भी हमारी यही प्रार्थना है कि सांवरे एक बार हमें श्री वृंदावन बुला लें और अपने चरणों में हमें स्थान देकर हमें अपना बना लें। यही हमारी सबसे बड़ी चाह और सबसे गहरी तड़प है। जय श्री श्याम।
हर विचार, हर सांस केवल उस प्रिय सांवरे के लिए समर्पित होती है। मन की यह व्याकुलता और प्रेम की गहराई ऐसी है कि भक्त अपने स्वामी से कुछ कहने की इच्छा तो रखता है, पर शब्दों में अपनी भावनाओं को बांध नहीं पाता। उसे लगता है कि स्वामी की कृपा ही उसका एकमात्र सहारा है, जो हर सुख-दुख में उसे संबल देती है। जीवन की हर चुनौती में, जब वह संसार की भटकन में खोया हुआ था, तब केवल स्वामी का नाम ही उसका मार्गदर्शक बना, जो उसे संकटों से उबार लाया।
वृंदावन की पवित्र भूमि, जहां स्वामी का वास है, भक्त के लिए वह तीर्थ है जहां उसकी आत्मा को शांति मिलती है। वह अपने सांवरे से यही प्रार्थना करता है कि उसे उनके चरणों में स्थान मिले, जहां वह सदा के लिए उनका दास बनकर रह सके। यह प्रेम और समर्पण इतना गहन है कि भक्त अपने जीवन का हर पल स्वामी को अर्पित कर देता है। वह जानता है कि संसार की सारी सुख-सुविधाएं क्षणभंगुर हैं, और सच्चा सुख केवल स्वामी की भक्ति और उनकी कृपा में ही निहित है।
वृंदावन की पवित्र भूमि, जहां स्वामी का वास है, भक्त के लिए वह तीर्थ है जहां उसकी आत्मा को शांति मिलती है। वह अपने सांवरे से यही प्रार्थना करता है कि उसे उनके चरणों में स्थान मिले, जहां वह सदा के लिए उनका दास बनकर रह सके। यह प्रेम और समर्पण इतना गहन है कि भक्त अपने जीवन का हर पल स्वामी को अर्पित कर देता है। वह जानता है कि संसार की सारी सुख-सुविधाएं क्षणभंगुर हैं, और सच्चा सुख केवल स्वामी की भक्ति और उनकी कृपा में ही निहित है।
Title। ~ O Sanware
Singer ~Pushpendra Chauhan
Lyrics ~Pushpendra Chauhan
Music ~ Explore Records
Singer ~Pushpendra Chauhan
Lyrics ~Pushpendra Chauhan
Music ~ Explore Records