मेरा हाल तो सब तू जाने है क्या तुझसे भजन

मेरा हाल तो सब तू जाने है क्या तुझसे छुपाऊं गिरधारी भजन

मेरा हाल तो सब तू जाने है,
क्या तुझसे छुपाऊं गिरधारी,
मेरा कौन शिवा एक तेरे है,
मेरा सब कुछ तू ही बनवारी,
मेरा हाल तो सब तू जाने है,
क्या तुझसे छुपाऊं गिरधारी।

बड़े जालिम दुनिया वाले हैं,
हंस हंसके पूछते दर्द मेरा,
नहीं दवा किसी के पास मेरी,
एक तू जाने है मर्ज मेरा,
मेरी पीर सभी तू जाने है,
क्या तुझसे छुपाऊं गिरधारी,
मेरा हाल तो सब तू जाने है,
क्या तुझको बताऊं गिरधारी,
मेरा कौन शिवा एक तेरे है,
मेरा सब कुछ तू ही बनवारी,
मेरा हाल तो सब तू जाने है।

जब टूट कभी मैं जाता हूं,
साहस मिलता बस तुझसे है,
जब बहुत रुलाता गम मुझको,
ढांढस मिलता एक तुझसे है,
हर मर्म मेरा तू जाने है,
क्या तुझे छुपाऊं गिरधारी,
मेरा कौन शिवा एक तेरे है,
मेरा सब कुछ तू ही बनवारी,
मेरा हाल तो सब तू जाने है।

हर भाव से मेरे वाकिफ है,
हर बात पता तुझे मेरी है,
तू नहीं डूबने दे मुझको,
एक आस यही बस तेरी है,
तू गम तोमर का जाने है,
क्या तुझे छुपाऊं गिरधारी,
मेरा कौन शिवा एक तेरे है,
मेरा सब कुछ तू ही बनवारी,
मेरा हाल तो सब तू जाने है।

हे गिरधारी आप तो हमारे अंतर्मन की हर बात जानतें हैं फिर हम आपसे क्या छुपाएं। इस संसार में हमारा कोई नहीं है। बस आप ही है जो सच्चे अर्थों में हमारे हैं। लोग तो केवल दिखावे के लिए हमारा हाल पूछते हैं, लेकिन हमारे दर्द को समझने वाला कोई नहीं है। हमारी हर पीड़ा को आप ही दूर करते है। इसलिए हमने आपको ही अपना सब कुछ मान लिया है। आप ही हमारे सहारे हमारे अपने बनवारी है। जय श्री श्याम।


Mera Haal To Sab Tu Jane Hai Kya Tujhse Chhupaun Girdhari Bhajan -newkhatushyambhajan

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Produced by Suresh Tomar
Lyrics by Suresh Tomar,
Direction by Suresh Tomar
Singer :MR. Arif Raj
Music & composer: kumar Himanshu
 
जीवन की हर गहराई और हर सतह को एक ऐसी शक्ति देखती है, जो मन की हर उलझन, हर पीड़ा और हर आकांक्षा को बिना कहे समझ लेती है। यह विश्वास कि कोई है जो हमारे अंतर्मन की हर धड़कन को जानता है, एक अनमोल आश्वासन देता है। यह भावना मनुष्य को उस अनंत करुणा के समक्ष नतमस्तक होने को प्रेरित करती है, जहाँ छुपाने की कोई आवश्यकता नहीं, क्योंकि वह शक्ति हर सत्य को पहले से ही जानती है। इस विश्वास में एक गहरी शांति है, जो यह अनुभव कराती है कि हम कभी अकेले नहीं हैं, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यों न हों। यह विश्वास मन को एक दृढ़ आधार देता है, जहाँ से वह जीवन के उतार-चढ़ाव का सामना कर सकता है।

दुनिया की कठोरता और उसके द्वारा दी गई पीड़ा के बीच, जब मनुष्य टूटने की कगार पर होता है, तब एकमात्र सहारा वही अनंत शक्ति बनती है, जो न केवल दर्द को समझती है, बल्कि साहस और सांत्वना भी प्रदान करती है। यह शक्ति हर आंसू, हर कमजोरी और हर आशा को जानती है, और इसीलिए वह जीवन की हर डगमगाहट में एकमात्र आसरा बनती है। यह विश्वास कि कोई है जो हमें डूबने नहीं देगा, मन को न केवल संबल देता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि जीवन की हर चुनौती के बीच एक ऐसी शक्ति है, जो हमें हर पल थामे हुए है। 
 
गिरधारी नाम भगवान श्रीकृष्ण का एक प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण नाम है, जिसका अर्थ होता है "गिरि" यानी पर्वत और "धारी" यानी धारण करने वाले। इस नाम से यह व्यक्त होता है कि कृष्ण ने अपने हाथ पर पर्वत धारण किया था। यह घटना महाभारत और भागवत पुराण की कथा में वर्णित है जब गोकुल और आसपास के क्षेत्र में भारी वर्षा और बाढ़ आई थी। उस समय, यमुना नदी का जल बढ़ गया और लोग और पशु-पक्षी संकट में थे। तब बालक कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया और उसे छत्र की तरह धारण कर लिया, जिससे उस क्षेत्र के लोग और जीव सुरक्षित रहे।

श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप, जैसे “ॐ श्रीकृष्णाय नमः” या “ॐ गिरिधराय नमः”, नियमित रूप से करें। श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ या उसमें से कुछ श्लोकों का अध्ययन भी बहुत लाभकारी होता है, क्योंकि उसमें श्रीकृष्ण के उपदेश और जीवन के रहस्य छुपे हैं। इसके अलावा, श्रीकृष्ण के भजन, कीर्तन या रासलीला का श्रवण और गायन भी मन को शुद्ध करता है और उनकी कृपा का मार्ग खोलता है।
 
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