मेरे बजरंगबली आप जब साथ खड़े भजन
मेरे बजरंगबली आप जब साथ खड़े भजन
लिख ले राम नाम की चिट्ठी,
अक्षर अक्षर पास,
राम कृपा की पूंजी ही तो है,
हनुमत तेरे पास।
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
आप जब साथ खड़े,
लाख संकट हो पड़े,
आपका नाम ही सुनके,
सारी विपदा है टली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली।
मेरे बजरंगबली,
विनती ये स्वीकार करें,
भक्त हूं राम का मुझ पर,
जरा उपकार करें,
बड़ी उम्मीद से मैं,
लेके अर्ज आया हूं,
राम को दे दे वो संदेशा,
जो मैं लाया हूं,
अपने हनुमत का,
कोई काम नहीं टालेंगे,
अपकी बात मेरे राम नहीं टालेंगे,
अब तक जो भी है पहुंची,
वहीं मन्नत है बनी,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली।
उनसे कहिए कि है संकट में,
यह आंगन फिर से,
उनसे कहिए कि,
उठा है यहां रावण फिर से,
उनसे कहिए कि अर्ज छोटी सी,
स्वीकार कर लें वो,
उनसे कहिए कि किसी रूप में,
अवतार ले वो,
आप चाहे तो बड़ा काम,
आज संभव है,
विश्व में आज पुनः,
रामराज संभव है,
बने पावन ये धरा,
जैसे अयोध्या की गली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली।
गदाधारी विपतहारी,
मेरे हनुमान की जय हो,
निशाचर कुल के संहारी,
मेरे हनुमान की जय हो,
प्रभु श्री राम के प्रियवर,
मेरे हनुमान की जय हो,
सखा सुग्रीव के सहचर,
मेरे हनुमान की जय हो,
मेरे हनुमान की जय हो,
जो रघुनंदन के सेवक हैं,
मेरे हनुमान की जय हो,
जो किष्किंधा के नायक है,
मेरे हनुमान की जय हो,
जो संकट से बचाते हैं,
मेरे हनुमान की जय हो,
जो लंका फूंक आते हैं।
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली।
अक्षर अक्षर पास,
राम कृपा की पूंजी ही तो है,
हनुमत तेरे पास।
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
आप जब साथ खड़े,
लाख संकट हो पड़े,
आपका नाम ही सुनके,
सारी विपदा है टली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली।
मेरे बजरंगबली,
विनती ये स्वीकार करें,
भक्त हूं राम का मुझ पर,
जरा उपकार करें,
बड़ी उम्मीद से मैं,
लेके अर्ज आया हूं,
राम को दे दे वो संदेशा,
जो मैं लाया हूं,
अपने हनुमत का,
कोई काम नहीं टालेंगे,
अपकी बात मेरे राम नहीं टालेंगे,
अब तक जो भी है पहुंची,
वहीं मन्नत है बनी,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली।
उनसे कहिए कि है संकट में,
यह आंगन फिर से,
उनसे कहिए कि,
उठा है यहां रावण फिर से,
उनसे कहिए कि अर्ज छोटी सी,
स्वीकार कर लें वो,
उनसे कहिए कि किसी रूप में,
अवतार ले वो,
आप चाहे तो बड़ा काम,
आज संभव है,
विश्व में आज पुनः,
रामराज संभव है,
बने पावन ये धरा,
जैसे अयोध्या की गली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली।
गदाधारी विपतहारी,
मेरे हनुमान की जय हो,
निशाचर कुल के संहारी,
मेरे हनुमान की जय हो,
प्रभु श्री राम के प्रियवर,
मेरे हनुमान की जय हो,
सखा सुग्रीव के सहचर,
मेरे हनुमान की जय हो,
मेरे हनुमान की जय हो,
जो रघुनंदन के सेवक हैं,
मेरे हनुमान की जय हो,
जो किष्किंधा के नायक है,
मेरे हनुमान की जय हो,
जो संकट से बचाते हैं,
मेरे हनुमान की जय हो,
जो लंका फूंक आते हैं।
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली,
मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली।
मेरे बजरंगबली आप जब साथ खड़े भजन Mere Bajarangbali Aap Jab Saath Khade Bhajan Mere Bajrangbali ( मेरे बजरंगबली ) Sahil Solanki|Manoj Muntashir,Neelam M,Prabudha Saurabh,Anand S
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Song- Mere Bajrangbali
Singer- Sahil Solanki
Lyrics- Prabudha Saurabh
Music Composer & Director- Anand Sharma
Programmed and Arranged by- RS Mani
Harmonium- Anand Sharma
Singer- Sahil Solanki
Lyrics- Prabudha Saurabh
Music Composer & Director- Anand Sharma
Programmed and Arranged by- RS Mani
Harmonium- Anand Sharma
हम हनुमान जी से विनती करते हैं कि राम नाम की चिट्ठी हमारे जीवन की रक्षा करे। जब भी कोई संकट आता है बजरंगबली का नाम लेते ही वह दूर हो जाता है। हम आपसे विनती करते हैं कि हमारे संदेश को प्रभु राम तक पहुंचाएं जैसे सच्चे सेवक पहुंचाते हैं। यह धरती फिर से रामराज जैसी पावन हो जाए जैसे अयोध्या की गलियां। हम जयकारा करते हैं उन हनुमान जी का, जो संकटहरण हैं, रावण संहारक हैं और भक्तों के रक्षक हैं। जय बजरंग बली।
हनुमान जी की भक्ति में राम नाम की चिट्ठी लिखना और हर अक्षर में राम कृपा की पूंजी को संजोना, भक्त के जीवन में संकटों से रक्षा और आत्मबल का संचार करता है। जब भी कोई भक्त सच्चे मन से हनुमान जी का नाम लेता है, तो उसके जीवन के बड़े से बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं, क्योंकि हनुमान जी का साथ हर विपत्ति में ढाल बन जाता है। भक्त अपनी विनती लेकर हनुमान जी के चरणों में आता है और उनसे यही प्रार्थना करता है कि वे उसकी अर्ज रामजी तक पहुँचा दें, क्योंकि हनुमान जी की बात राम कभी नहीं टालते। आज के समय में जब समाज में फिर से संकट और अधर्म बढ़ रहा है, भक्त हनुमान जी से निवेदन करता है कि वे किसी भी रूप में आकर, रामराज की स्थापना में सहायता करें और इस धरती को फिर से पावन बना दें। हनुमान जी गदा धारण करने वाले, संकट हरने वाले, निशाचर कुल का संहार करने वाले, प्रभु श्रीराम के प्रिय, सुग्रीव के मित्र और किष्किंधा के नायक हैं—उनकी जयकार से ही भक्त को साहस, सुरक्षा और विश्वास मिलता है। हनुमान जी की भक्ति जीवन को निर्भय, समर्थ और शुभ बना देती है।